मिट्टी का खिलौना
मिट्टी का खिलौना
लख चौरासी जनम लेकर, आया हूं इस दुनिया में,
मिट्टी का खिलौना हूं और मिट्टी में मील जाना है।
मोह माया में डूबना नहीं मुझे, तन मन पवित्र रखना है,
इन्सान बनकर रहना है मुझे, दुखियों का सहारा बनना है।
आया हूं नहीं साथ लेकर मैं, साथ नहीं ले जाना है,
मिट्टी का खिलौना हूं और मिट्टी में मिल जाना है।
सत्संग देश में बसना है मुझे , भक्ति रस पान करना है,
ज्ञान की ज्योत जलाकर जीवन का अंधेरा मिटाना है।
"मुरली" प्रभु सुमिरन करके, भव सागर पार करना है,
मिट्टी का खिलौना हूं और मिट्टी में मील जाना है।