महिलाओं का सम्मान
महिलाओं का सम्मान
क्यों दिखावा करते हो,
महिलाओं के,
सम्मान का,
जब करना इनका,
अपमान ही है।
बंद करो यह नाटक अपना,
महिला दिवस मनाने का,
जब समझना इनको,
पैरों की जूती है।
या तो शपथ लो,
सदा के लिए,
हमेशा करोगे,
सम्मान इनका
दोगे हमेशा,
बराबरी का मान इनको ।
कर लो कद्र इनकी,
यह घर की लक्ष्मी हैं।
दे दो इन्हें,
अधिकार इनका,
यही घरों को जोड़ती हैं।
खुद टूट कर,
परिवार समेंट लेती हैं।
खुद को मिटाकर,
किसी को,
बिखरनें नहीं देती हैं।
ये औरत नहीं,
अन्नपूर्णा हैं।
खुद भूंखी रहकर,
परिवार का ख्याल रखती है।
बंद करो एक दिन,
महिलाओं को सम्मान से सजाना,
अगर करना है,
हमेशा इज्जत,
तभी महिला दिवस मनाना।