मेरी प्यारी बिटिया रानी।
मेरी प्यारी बिटिया रानी।


अब सो जा मेरी गुड़िया रानी,
सुनाऊं क्या तुझे लोरी या कहानी।
कितनी है तू भोली-भाली बिटिया रानी,
कभी भी नहीं करती कोई मनमानी।
तू है कितनी होशियार और सयानी,
तू मेरा गुरुर है और तू है कितनी ज्ञानी।
जाती है घर दादा-दादी के या नाना-नानी,
वहां पर सुनाती हैं दादी और नानी कहानी।
जिनमें होती है सीख और शिक्षाप्रद कहानी,
सबकी मदद करने और राजा-रानी की कहानी।
कल तू हो जायेगी समझदार और संस्कारी,
तमाम उम्र बने रहना सुशील और आज्ञाकारी।
बड़े होने पर पैरों पर खड़ी हो जायेगी,
तेरे मायके से तेरी डोली विदा हो जायेगी।
आने वाले कल में तू भी पहले माता बन जायेगी,
और बुढ़ापे में दादी और नानी बन जायेगी।
यारों मेरी इन बातों का है बस इतना सा ही सार,
बेटियों को दो अच्छी शिक्षा और ढेर सारा प्यार।