मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी
को प्रेरित करता है
मेरी प्रेरणा उस दिन से शुरू हुई
जब पहली बार मैंने उसे टीवी पर देखा
कुछ भी नहीं जानती थी उसके बारे में
कुछ भी नहीं पता था क्रिकेट के बारे में
मुझे एक नाम ने प्रेरित किया
एक चेहरे ने मुझे अपनी तरफ खींचा
उससे मिलने का इतना जुनून था
उसे मिलने के लिए मैंने अपना
करियर ही बदल दिया
सचिन तेंदुलकर है
सचिन जब आता था टीवी पर
धड़कन ही जैसे रुक जाती थी
उसे देखने के लिए आँखें तरस जाती थी
मेरी वह रोज सुबह उठकर उसको देखना
उसके बनाए गए रनों के बारे में सुनना
क्रिकेट देखने के लिए मुझे जिसने
प्रेरित किया वह है सचिन
मैंने उससे सीखा नरम बने रहना
ऊंचाई पर जाने के बाद भी धरती से
जुड़े रहना
वह मुझे आज भी प्रेरित करता है
माना कि रोज़ नहीं दिखता पर
जब भी दिखता है धड़कन भरा जाता है
इतनी ऊंचाई पर होने के बाद भी
एक इंसान इतना नाम कैसे हो सकता है
जब उसने संन्यास लिया तो मानो
धड़कन रुक गई थी मेरी
क्रिकेट ना देखने का फैसला किया था मैंने
पर धोनी को देखा तो क्रिकेट से
मेरा प्यार यूं ही बना रहा
सचिन को कोई रिप्लाई तो नहीं कर सका
पर धोनी से बहुत कुछ सीखा है
किस तरह कुल रहे कर खेला जाता है
किस तरह लड़ कर जीता जाता है
किस तरह अपने सपनों पर विजय
पाई जाती है
शायद धोनी ने यह मुझे सिखाया है
हम जितने बड़े होते जाते हैं
उतना ही हमें नर्म होना चाहिए
सचिन और धोनी ने मुझे यही सिखाया
आप बड़े होते जाते हो
लोग आपके बारे में बोलते रहते हैं
आपको चुप रहकर अपने टैलेंट से
उन सब का जवाब देना है
आगे बढ़ना हमें गुरूर नहीं सिखाता
लोगों को नीचा दिखाना नहीं सिखाता
हर इंसान एक दूसरे को प्रेरित करता है
फर्क इतना है इंसान को इंसान की
तरह समझा जाए
यह दुनिया रंगीन हो जाएगी
रोज एक नई प्रेरणा मिलती जाएगी
प्रेरित कोई भी कर सकता है
प्रेरणा का कोई एक स्रोत नहीं है