मेरी प्रेरणा, मेरा दोस्त
मेरी प्रेरणा, मेरा दोस्त
मैं लिख रहा हूं दोस्त सिर्फ़ तेरी प्रेरणा से
मैं भाव ला रहा हूँ, तेरी हिम्मत की अदा से
तूने हिम्मत मेरी बढ़ाई है
वरना मेरी कहां अच्छी लिखाई है
मैं कवि बन रहा हूं बस दोस्त तेरी बला से
मैं लिख रहा हूं दोस्त सिर्फ़ तेरी प्रेरणा से
मैंने कुछ भी लिखा
तूने उसे अच्छा कहा
मैं सुधार कर पा रहा हूं तेरी प्रेरणा से
सबने ठुकरा दिया
हंसी का पात्र बना दिया
मैं कनक बन दमक रहा हूं
सिर्फ़ दोस्त तेरे कसौटी बन कसने से
हर तरफ़ से मेरे शब्द बेदम थे,
मैं शब्दों में जान डाल रहा हूं,तेरी वजह से
गर तेरी होंसला अफजाई न होती दोस्त
मेरे लेखन में कभी जान ही न होती
मैं लेखन को जान रहा हूं
सिर्फ़ दोस्त तेरी कला से
मैं लिख रहा हूं दोस्त सिर्फ़ तेरी प्रेरणा से।
