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Nandita Tanuja

Romance

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Nandita Tanuja

Romance

मेरी पहचान और मेरा मान

मेरी पहचान और मेरा मान

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याद मुझे

उनके हर वादे पे 

इरादों की जान 

ज़िंदगी का सच 

ख़ामोशी की खान 

देखती- समझती रही

वो की अना और शान 

घर , दर और बसर की

दिल वो सिर्फ आलिशान 

दहकते लफ्ज़ और फिर

तुम से बनी पहचान 

सिर्फ वो है इंतज़ार 

भला कौन थी बनी अंजान

मोहब्बत नहीं हां नहीं 

वो हौसलों के उड़ान 

कहा था कभी निभे जो कही 

सुनो, मेरे संग तुम खुश नहीं 

फिर वक़्त का साथ

फैसलों और फ़ासलो की आन

रौंदे अहसासों को अपने 

फिर गलतियों का भुगतान

यही इबादत मेरे नाम ....

तुम की ख़्वाहिश और ख्याल 

तेरा ज़िक्र रूह की शान ....


बदल ले नज़र ...

दे दे ज़हर ....या कर ले फ़िकर

इश्क़ इबादत..अहसास ..

और साथ तेरा.....

हाँ बस यही मेरी पहचान

और मेरा मान.........!! 


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