Richa Pachauri

Romance

4.8  

Richa Pachauri

Romance

मेरी इबादत (आज के प्यार का सच)

मेरी इबादत (आज के प्यार का सच)

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नूरे जहाँ का जिक्र किया तो

जुबाँ पे बस तेरा नाम आया,

इबादत के लिये सजदा किया तो

आँखो मे बस तेरा अक्स आया,

नूरे


कैसी ये दुनिया कैसे लोग यहाँ पर

पल पल बदलते है जज्बात जहाँ पर,

कभी किसी के ,कभी किसी के

पल मे ही साथी कोई दूजा बनाया।

नूरे


प्यार नहीं है जैसे हो कोई खिलौना

नया नया है जब तक है सलोना,

मन भर आया तब इसे ठुकराया

आँखो में फिर से नया चेहरा सजाया।

नूरे


बीत गया है वो दौर पुराना

प्यार के लिये जग से लड जाना,

महान थे वो लोग दिवाने

ताउम्र इक ही साथी अपनाया।

नूरे


प्यार तुम्हारा गर बदल भी जाये

बेबफाई जो तेरी आँखो मे गर समाये,

आँखिरी साँस बन जाये वो मेरी

माँगू रव से तुझे ही साथी दुबारा।

नूरे


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