मेरी बहन
मेरी बहन
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तू हर दर्द को दवा देती है,
मानो रूके हुए मौसम को हवा देती है,
तुझे दर्जा मां का भी दूं,
तो कम है मेरी बहन,
तू परिवार की वो शख्स है,
जो मुझे हर कट् कार्य से बचा लेती है,
तुझे हर प्रतिक्रिया पता है मेरी,
तुझसे कुछ छिपा ना सकूं खता है मेरी,
मैं जहां जाऊं पता है तुझे,
मैं जो खाऊं पता है तुझे,
तुझसे छिपा ना कुछ भी आज तक,
मेरी हर दहलीज पर फिज़ा है तेरी।