मेरी अधूरी कहानी
मेरी अधूरी कहानी
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर,
दिलों को तोड़ देते हैं,
तुम मंजिल की बात करते हो,
लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं..
मुझ को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतजार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस–पास उस की आहट नहीं रही..
हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले,
है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कुसूर इसमें,
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे जिन्दगी से पहले..

