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Kusum Surya

Abstract

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Kusum Surya

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मोहब्बत बकवास

मोहब्बत बकवास

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मोहब्बत छोड़ दी हमने

कोई मुबारकबाद तो दो

उसको बेवफा कह के हम खुद   

अपनी नजरों में गिर जाते हैं।


क्योंकि वो पसंद भी अपना था 

और प्यार भी अपना !

उन्होंने जो किया ये

शायद उनकी फितरत है !


अपने लिये तो प्यार

एक इबादत है !

न मिले उनसे तो

मरकर बता देंगे !


कि कितनी मुहब्बत है इस दिल में !

हम उसे भूल कर भी नहीं जी सकते,

हम उसे याद करके भी नहीं जी सकते,

मर जाते कब के उनके बिना।


पर क्या करे उनकी बाहों के बिना

मर भी नहीं सकते !

जब मुझसे मोहब्बत ही नहीं

तो रोकते क्यूं हो ?


तन्हाई में मेरे बारे में

सोचते क्यूं हो ?

जब मंजिलें जुदा है तो

जाने दो मुझे,

लौट के कब आओगे ये पूछते क्यों हो ?


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