मेरी अधूरी कहानी
मेरी अधूरी कहानी
इश्क़ वाले आँखों की बात समझ लेते हैं ,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं ,
रोता तो आसमा भी हैं प्यार के लिए,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं .
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है ,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हँसाना चाहता है ,
जाने क्या बात झलकती है मेरे चहरे से,
हर शख्स मुझे आजमाना चाहता
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है ,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है।
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है।
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
उड़ रहा था मेरा दिल भी परिंदों की तरह,
तीर जब लग गई तो कोई भी मरहम न हुआ,
देख लेना था मुझे भी हर सितम की अदा,
ऐ सनम तेरे जैसा मेरा कोई दुश्मन न हुआ.