मेरा जीना मुहाल करते हो
मेरा जीना मुहाल करते हो
बे खुदी में सवाल करते हो
तुम हमेशा कमाल करते हो
जब किसी राह में हो तुम मिलते
कितनी खुशियां बहाल करते हो
आज आई हूं देर से मिलने
सिर्फ इसपर बवाल करते हो
वस्ल की शब में हिज्र की बातें
मेरा जीना मुहाल करते हो
इश्क़ हो रूठना मनाना हो
काम सब बेमिसाल करते हो
सब के सब रंग हैं ये कुदरत के
क्यूं हरा पीला लाल करते हो
इक न इक दिन शमा मिलेंगे हम
तुम क्यूं इतना मलाल करते हो।