मेरा देश
मेरा देश
ए देश मेरा तू कितना महान
तेरे उंचाई की गुंजाइश नहीं
रंगीन भरी तेरे महत्व गाने की
मुझमें वह ताक़त नहीं ।
चाहे मिट्टी की खुशबू या हवा का झोंका
हर मेहेक मे ख़ासियत वही
पानी की मिठास या बादल के गुंजे
हर स्पर्श की इबादत वही ।।
चिड़ियों का चंचलपन,
फूलों का वह उपवन
सौंदर्य का परितत्व प्रचारे
साथ ही तेरे मुस्कराहट निहारे ।।
आकाश का वह नीला चादर
जो करता है सूरज-चांद का आदर
बड़ा विस्तारित है हृदय तेरा
ऐसा प्यारा देश है मेरा ।।
