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Suchismita Behera

Others

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Suchismita Behera

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हमारी कहानी

हमारी कहानी

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क्या कभी हक़ीकत बन पाएगी?

या यूं ही रह जाएगी

बस बनकर एक कहानी।


ना हो पा रहा मिलने की ख़्वाहिश पूरी

ना बन पा रही रूके बात अधूरी

बस बिता जा रहा समय की घड़ी

पर बात अब तक ना आगे बढ़ी ।।


क्या सपने मेरे रहे जाएंगे सपने?

क्या संभव से कभी हम समीप होंगे?

न जाने इस जमाने में मिल पाएंगे भी

या फिर, फिर एक बारी का इंतजार करेंगे ।।


शिकायत नहीं, ये पैग़ाम मेरी

जो ख़्वाहिश थी अब कोशिश मेरी

मिले उत्तर तो मुझे भी बताना

पर फिर ऐसा इंतजार ना करवाना ।।



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