Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ritesh deo

Abstract

4  

ritesh deo

Abstract

मेकअप

मेकअप

1 min
416



लोग कहते हैं कि ..औरतें बहुत “मेकअप” करती हैं


सच ही तो है ..

औरतें सिर्फ चेहरे पर ही नही..

बल्कि घर, परिवार, बच्चे, पति, समाज सभी की कमियों पर हमेशा

“मेकअप” ही करती रहती हैं


बेहतर न मिलने पर माता-पिता पर

“मेकअप”


शादी होने पर ससुराल वालों के तानों पर

“मेकअप”


मायके की कमियों पर

“मेकअप”


बच्चों की कमियों पर

“मेकअप”


बुढ़ापे में दामाद के द्वारा किये गए अनादर पर

“मेकअप”


तो बहु की बेरुखी पर

“मेकअप”


पोता-पोती की शरारतों पर

“मेकअप”


और आखिर में..

बुढ़ापे में परिवार में अस्तित्वहीन होने पर

“मेकअप”


एक औरत जन्म से लेकर मृत्यु तक “मेकअप” ही तो करती रहती है


सिर्फ एक ही आस में कि उसे

“तारीफ के दो बोल मिल जाये।" 


    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract