मेहरबानी
मेहरबानी
किसी की मेहरबानी पर जीना अच्छा नहीं होता
किसी के मोहताज हो रहना अच्छा नहीं होता।
मेहरबानी अगर चाहिए तो ख़ुदा से फरियाद कर
उसके बंदों से आशा रखना अच्छा नहीं होता।
जब हर रूप में प्रकृति है मेहरबान हम सब पर
किसी और की तरफ देखना अच्छा नहीं होता।
प्रभु ने जब हाथ- पैर दे बनाया इतना सक्षम
किसी से सहायता की भीख माँगना अच्छा नहीं होता।
शुक्रगुज़ार रहो प्रभु के सदा मेहरबानियों के लिए
खुद को सबसे बड़ा समझना अच्छा नहीं होता।
