मेहनत
मेहनत
हाथों में उकरी ये लकीरे
मेहनत से बनती तकदीरें।
सपनो के महल की नींव बुनी
मिट्टी भी तपकर ईंट बनी।
चुन चुनकर हर एक ईंट रखी
महल की उम्मीद बनी।
हाथ जब मेहनत के उठे
धरती झूमे जग चमक उठे।
ज्ञान बांटता फिरे फकीर
कर्मों से बनती तकदीर।
बिन मेहनत के सब उजाड़
यही समय की है पुकार।
तकदीर से तस्वीर बने
साकार करें हिम्मत बंधे।
कदमों में सारा जहाँ कर दे
रेगिस्तान भी गुलिस्ता कर दे।
श्रम ही जीवन चक्र है
मृत्यु भी अटल सत्य है।