STORYMIRROR

Neeraj Yadav

Abstract

4  

Neeraj Yadav

Abstract

प्यार नहीं मिलता...

प्यार नहीं मिलता...

1 min
464


जिंदगी में यूँ हर किसी का, ऐतबार नहीं मिलता,

किसी को पाने का मौका भी,बार बार नहीं मिलता।


इस जिंदगी के हर पल को, दिल से जियो यारों,

दुनियाँ में सबको चाहत और प्यार नहीं मिलता।


उलझ कर रह जाती है जिन्दगी, कुछ हसरतों में,

बहुत कुछ मिलता है पर, अपने मन का यार नहीं मिलता।


उम्र भर वोझ जिम्मेदारियों का,ढ़ो ढ़ो कर,

चन्द सांसें बचती हैं,ख्वावों का संसार नहीं मिलता।


जो अपनी हसरतों का कत्ल करके,मुस्कराता है,

उसी को जमाने में अपनों का, ऐतबार नहीं मिलता।


छुपाकर दर्द सारे अश्कों से,जो खेलता है,

कौन कहता है वो तन्हाई में,गमख्वार नहीं मिलता।


सींचकर अरमानों से बांगबा,बनकर भी क्यों "नीरज",

सामने सबके अपना कहने का, अधिकार नहीं मिलता।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract