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Vaidehi Purushotam

Abstract

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Vaidehi Purushotam

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प्यार का सहारा

प्यार का सहारा

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कोई बेखबर प्यार की ओर बढ़ रहा है

कोई अपनी उम्मीदों का ताना बाना बुन रहा है

कोई किसी की खामोशी को सुन रहा है

कोई किसी के आहट का फ़साना गढ़ रहा है 


कोई बेखबर ख़ुशियों के साथ चल रहा है

कोई किसी उत्सव की धुन को सुन रहा है

कोई अपनी राह पर स्वयं ही आगे बढ़ रहा है

कोई हिम्मत के साथ सामना कर रहा है


कोई बेखबर यादों की ओर चल रहा है

कोई नए जहाँ को चुन रहा है

कोई अपनी ही आदतों का ताना-बाना बुन रहा है

कोई किसी की उदारता को बुन रहा है।


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