और यूं ही कुछ बातें करते हैं। और यूं ही कुछ बातें करते हैं।
कोई किसी की उदारता को बुन रहा है। कोई किसी की उदारता को बुन रहा है।
हाँ, हर एक साँस की मंज़िल मौत ही तो है , जो पल पल लेने अपनी आगोश में बेकली सी बवंडर हाँ, हर एक साँस की मंज़िल मौत ही तो है , जो पल पल लेने अपनी आगोश में बेकल...
'बड़े जतन से ताना-बाना, बुनते वे घर का, सदा साधते रहे संतुलन, भीतर-बाहर का, वे इतने घर के हो जाते, ल... 'बड़े जतन से ताना-बाना, बुनते वे घर का, सदा साधते रहे संतुलन, भीतर-बाहर का, वे इ...
शर्मा जी की घरवाली को एक दिन मिला बड़ा खज़ाना, बोले शर्मा जी क्या है यह माजरा ज़रा हमे शर्मा जी की घरवाली को एक दिन मिला बड़ा खज़ाना, बोले शर्मा जी क्या है यह माजरा...
जुड़ें परस्पर हाथ यदि तो समग्र जग में हो विकास। जुड़ें परस्पर हाथ यदि तो समग्र जग में हो विकास।