क्रय विक्रय
क्रय विक्रय
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तेरी खुशी के लिए मैंने हर खुशी खरीद ली
दिन में सोचा और रातें खरीद ली
तेरी ज़िन्दगी के लिए मैंने ज़िन्दगी खरीद ली
वक़्त को रोका और मुलाकातें खरीद ली
तेरे साथ के लिए मैंने ज़िंदादिली खरीद ली
मौसम को परखा और बातें खरीद ली
तेरे एहसास के लिए मैंने महज़बी खरीद ली
तुझे महसूस किया और यादें खरीद ली
तेरे सम्मान के लिए मैंने सादगी खरीद ली
आदतों को परखा और आहटें खरीद ली
तेरी खुशी के लिए मैंने आवारगी खरीद ली
तेरी हँसी के लिए मैंने दीवानगी खरीद ली
तेरे प्रेम के लिए रवानगी खरीद ली
इंसानियत को परखा और इनायते खरीद ली
तेरी शख्सियत के लिए मैंने बंदगी खरीद ली
इबादत को परखा और आशिकी खरीद ली।।।