मदिरा का प्याला
मदिरा का प्याला
दिल की दस्तक भी अब धुंधली है,
मदिरा का प्याला जो जीत गया,
तूने जब से ये जाम है थामा,
सुकून से भरा वो जीवन संगीत गया।
लफ्जों में अब वो रुतबा ना रहा,
चेहरे में भी वो नूर ना रहा,
जिसके लिये दुनिया से लड़ गये थे,
जिन्दगी का वो करीबी मीत भी गया,
दिल की दस्तक भी अब धुंधली है,
मदिरा का प्याला जो जीत गया।
हर घूँट में ज़हर को भरकर तुम
अपनी कमज़ोरियों को छिपाते हो
आवाज़ का परचम ऊँचा कर
दिल की दस्तक ठुकराते हो।
जाम के टकराते ही,
वो सुविचारित व्यवहार भी गया,
दिल की दस्तक भी अब धुंधली है,
मदिरा का प्याला जो जीत गया।