मधुवन में मधुमास
मधुवन में मधुमास
जाना ना अकेले मधुवन अली
तुझे मार जाएगा डंक अलि
छाया है पूरे उपवन में मधुमास
तू भी बिखेरेगी अपनी सुवास
देख 'तुझे' होगा पुष्प का आभास
जाना ना अकेले मधुवन अली
तुझे मार जाएगा डंक अलि
है वहाँ और भी लुटेरों का वास
लेना भूलेगी तू अपनी श्वास
आएगा न तुझे ये सब रास
जाना ना अकेले मधुवन अली
तुझे मार जाएगा डंक अलि
किये षोडश पूरे पिछले ही मास
क्या तुझसे छिपी है मेरे हिय की आस
क्यों न आएगा मुझे ये सब रास
मैं तो जाऊँगी मधुवन अली
भले मार जाए मुझे डंक अलि
अच्छा! जब तक है वसन्त का वास
तब तक तो ले ले तू साँस
फिर देख लेना उपवन का मधुमास
तब चली जाना तू मधुवन अली
तब न मारेगा तुझे डंक अलि
जब न होगा वसन्त का ही वास
तब न आएगा मुझे मधुवन रास
मैं तो अब ही देखूँगी मधुमास
मैं तो जाऊँगी मधुवन अली
भले मार जाए मुझे डंक अलि।
