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Richa Pathak Pant

Inspirational

5.0  

Richa Pathak Pant

Inspirational

आओ प्रेम की फसल उगाएँ

आओ प्रेम की फसल उगाएँ

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आओ प्रेम की फसल उगायें।

नफ़रतों के बीज जड़ से मिटायें।

संदेशा भाईचारे का फैलायें।

धरती अपनी स्वर्ग बनायें।


आओ प्रेम की फसल उगायें।

नफ़रतों के बीज जड़ से मिटायें।


रहे न भूखा इस धरा पर कोई,

काश! सबके ही पेट भर पायें।

जो देखें किसी को भी मुसीबत 

में, तो साथी सब आगे आयें।


आओ प्रेम की फसल उगायें।

नफ़रतों के बीज जड़ से मिटायें।


ठंड से ठिठुरते तनों को हम,

आओ मिलकर कंबल ओढ़ायें।

समझें न पराया किसी को, सबको

अपना समझ मदद का हाथ बढ़ायें।


आओ प्रेम की फसल उगायें।

नफ़रतों के बीज जड़ से मिटायें।


तरसे न बच्चा कोई कहीं, 

सब पर ममत्व लुटायें।

आओ हमसब मिलकर धरती 

अपनी, स्वर्ग से भी सुंदर बनायें।


आओ प्रेम की फसल उगायें।

नफ़रतों के बीज जड़ से मिटायें। 


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