मौसम
मौसम
शब्द रूठ जाते हैं जब कभी ,
मन का मौसम वीरान सा लगता है
चेहरे पर मुस्कान सजा भी लो पर मन उससे भी कहां बहलता है..
दिल के गुलशन में बातों के कुछ बीज रोपे थे हमने!
दिल को टटोल कर देखा मैंने
तुम्हारी आवाज की खनक सुनकर न जाने क्यों आंखें भर आईं
उदास मौसम की भी अपनी ही रौनक होती है!