STORYMIRROR

Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Inspirational

4  

Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Inspirational

मैं

मैं

1 min
201

लोग मुझे

क्या समझेंगे

और क्या नहीं

इससे मुझे

कभी भी कोई

सरोकार नहीं रहा।

निज परिधि में

स्वतंत्रता से

जीना और उसके बाहर

लोगों को जीने देना

स्वभाव है मेरा।

मैं जब भी

शामिल हुई हूँ

होती हूँ

या शामिल होऊंगी

सम्बन्ध ही

निभाती होऊँगी।

मेरा अस्तित्व

और मैं

किसी 'छाप' के लिए

उपलब्ध नहीं

यह दोनों

मेरे अपने एकांत की

धरोहर है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract