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Kartvya Chaudhary

Inspirational Others

4.3  

Kartvya Chaudhary

Inspirational Others

मैं पथ पर चलता रहा

मैं पथ पर चलता रहा

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मैं पथ पर चलता रहा,यूं ही चलता रहा

ना राहों का पता, ना पता मंजिल का 

बस यूं ही चलता रहा, मैं पथ पर चलता रहा।

न देखी सुबह, न देखी शाम

न देखी भूख, न देखी प्यास

बस यूं ही चलता रहा, मैं पथ पर चलता रहा।


ना हूं राजा, न हूं इंसान

आज मैं हूं तो तुम हो

मुझसे तुम हो तुमसे मैं नहीं

मैं हूं गरीब जो


यूं ही चलता रहा, मैं पथ पर चलता रहा।

मजबूर हूं, खुदगर्ज नहीं

गरीब हूं, खिलौना नहीं

बस यूं ही चलता रहा, मैं पथ पर चलता रहा।


ना देखे दर्द, ना दिखी धूप

आंखों में नमी, पैरों में छाले लिए

यूं ही चलता रहा, मैं पथ पर चलता रहा।


आज जिसने किया बर्बाद

मैं लेके देश की नीव, चेहरे पर मुस्कुराहट

अपनों के साथ, कल की उम्मीद में

यूं ही चलता रहा, मैं पथ पर चलता रहा।


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