शिक्षक
शिक्षक


मेरी मां मेरी शिक्षक मेरी गुरु मेरी डॉक्टर मेरी दोस्त मेरी मां मेरा गुरूर ।
कैसे करू शुक्रिया उस ईश्वर का जिसने
खुद का एक अंश मां के रूप में मुझे दिया है ।
भगवान के समान सब देखकर भी शांत रहना
हमेशा परिवार का अच्छा करना खुद के दुखों को कभी ना दिखाना
बस चेहरे मे मुस्कराहट लिए सबका ख्याल रखना ।
मुझे अच्छे बुरे का फर्क बताना मुझे सही गलत समझाना।
कभी मेरी शिक्षक बन जाना कभी मेरी दोस्त बनके समझाना
कभी गिरने पे डॉक्टर की तरह मरहम लगाना ।
मेरी मां मेरा ईश्वर जिसके आगे सारे ईश्वर कम है ।
इसकी पूजा ही काफी है मुझे मेरी सारी खुशियां मिल जाती है ।
मेरी मां मेरी जान है।तेरे चरणों में मेरा घर हैं तू ही मेरा स्वर्ग है
तू ही मेरी दौलत है तू ही है जिसके आंचल में में महफूज हूं
मेरी जान मेरी मां है जिसकी मोहब्बत सबसे पवित्र है
जो बिना मांगे सब कुछ हमें देती है मेरी मां मेरी जान हैं।