मैं प्रजा हूँ
मैं प्रजा हूँ
मैं प्रजा हूँ
तुम समझते हो मुझे
निरीह लाचार बेकार
किन्तु तुम्हें नहीं मालूम
मैं ही हूँ भाग्य विधाता
तुम्हारा
तुम जो राजा हो
तुम्हारा अस्तित्व मुझसे है
मुझ में बचेगी सांसें
तो ही जी पाओगे तुम भी
मेरे होने पर टिका है
तुम्हारा होना
तो जान लो तुम ये
कि तुम्हारी ये शक्ति
ये क्षमताएं
सब मेरे चाक
पर पकी हैं
और तुम्हारा मिट्टी
का ये तख़्त
मेरे एक प्रहार से
ध्वस्त भी हो सकता है
मैं ब्रह्मा भी हूँ और शिव भी
विष्णु बन कर रहोगे तुम
तो रह पाओगे
ध्यान रखना
मैं प्रजा हूँ
