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Jyotshna Rani Sahoo

Inspirational Others

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Jyotshna Rani Sahoo

Inspirational Others

मैं फिर लौटूंगी

मैं फिर लौटूंगी

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मैं हूं पर कहीं गुमशुदा

गम से या खुशी से

पता नहीं रूबरू हूं किससे?

पर मैं फिर से लौटूंगी

मुझे मेरे उलझे हुए सवालों को थोड़ा सुलझाने दो।


प्यार प्यार प्यार अरे

खूब मिला था मिला है हर बार

मुझे थोड़ा गम आजमाने दो

मैं फिर लौटूंगी

मुझे थोड़ा और गुम होने की इजाजत दो।


तुम सोचते हो मैं अब खुश नहीं

पर दुखी होने की वजह नहीं

मैं फिर से लौटूंगी 

मुझे उस नहीं होने वाले वजह को 

जड़ से उखाड़ फेंकने दो।


तुम मुझे पागल सोचते होगे

जो मैं अभी ठुकरा कर जा रही हूं

ये बेहद, स्वार्थ रहित प्रेम सब को

मैं फिर से लौटूंगी उससे पहले

उस प्रेम की परीक्षा मुझे करने दो।


तुम सब डरते हो 

कहीं मैं बदल ना जाऊं

अरे बदली हुई और कितनी बदलूंगी

मैं फिर से लौटूंगी

अच्छा, भले ही बदली हुई

पर तुम जैसे चाहते हो पहले मुझे उसमें ढलने दो।


डर मुझमें भी कूट कर भरा है

कहीं आते आते देर ना हो जाए

कहीं मेरे लौटने के बाद

और कुछ राख तक भी ना बचे

जिससे मैं अनुमान लगाऊं की

इसमें से मेरे प्यार कौन सा था

फिर भी मैं लौटूंगी

मुझे उस राख को भी पहचानने के काबिल बनने दो।


इस बार मत रोको मुझे

दम घुटने से पहले थोड़ा सांस लेने दो

मैं फिर से लौटूंगी जीने के लिए

मेरे अपनों के साथ हमेशा के लिए

पर उससे पहले मुझे जीने की वजह ढूंढने दो।

   


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