मैं काबिल तो नही....
मैं काबिल तो नही....
मैं काबिल तो नहीं..
मगर ऐ वतन
जबसे देखा, रोते तुझको, मुझको
शहादत आ गई।
मैनं आशिक़ तो नहीं
मगर ऐ वतन
जबसे देखा,मान तेरा, मुझको
दीवानगी आ गई।
शहीदों का नाम मैंने सुना था मगर
शहादत क्या है ये मुझको नहीं थी खबर
मैं तो उलझा रहा उलझनों की तरह
रिश्तों में रहा धागों की तरह
मैं धागा तो नहीं
मगर ऐ वतन
जब से देखा, प्रहार तुझपे, मुझको
समझ आ गई।
सोचता हूँ अगर मैं दुआ माँगता
हाथ अपने उठाकर मैं क्या माँगता
जब से तुझसे मोहब्बत करने लगा
तब से ऐसे इबादत मैं करने लगा
मैं क़ाफ़िर तो नहीं
मगर ऐ वतन
जब से देखा, मैं ने तुझको, मुर्दे में
जान आ गई।
फ़िल्म - बॉबी
बोल-मैं शायर तो नही ...
गायक-शैलेन्द्र सिंह
गीत- आंनद बख्शी
