आज के भाव
आज के भाव
चलो आज फिर खुद में,
खुद से ही खुश हो लेते है
निकम्मे, नाचीज़ है दुनिया की नजरो में
सो खुद में खुद से ही खुश हो लेते हैं
माहौल कैसा भी हो आजकल
खुशनुमा या दुखनुमा लोग
अपनी-अपनी फितरत
और धारणाओं के अनुसार
हमारे साथ सरीख होते है
हम है हम से ही नाउम्मीदी
तक साथ हो न हो किसी का
चलो खुद को खुद ही घसीट लेते हैं
आखिरी कदम तक
चलो आज फिर !