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Meena Mallavarapu

Inspirational

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Meena Mallavarapu

Inspirational

मैं ज़िंदा हूं

मैं ज़िंदा हूं

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      मैं ज़िंदा हूं यह क्या कम है

       माना दुनिया में ग़म पर ग़म है

       हज़ारों यहां देने वाले ज़ख़्म हैं

       मरहम लगाने वाले यहां कम हैं

       रोशनी हर ओर-मेरे लिए तम है

      अपनों को खोने का ग़म है

       रिश्तों के टूटने का मातम है

       हर ओर तूफ़ान का आलम है

       अंधेरों का ही जैसे परचम है

       ढूंढे रूह सुकून की सरगम है

       घेरे हर ओर मंझधार

      मेरी नैया खाए हिचकोले

      रिश्तों की गरिमा का सार,

       उसका राज़,ज़िंदगी जाने कब खोले

       मालूम है इतना मगर मुझे-इस पार

       सृष्टि की हज़ारों नेमतें बाहें खोले

       करतीं हमारा इंतज़ार

   जिंदगी की गरिमा है सृष्टि की दरियादिली से

  खूबियां और ख़ामियां बार बार कहती हैं मुझसे आंसू नहीं,

फ़रियाद नहीं, शिकवा ,शिकायत नहीं

ज़िंदगी की अपेक्षा नहीं आस नहीं ज़रा भी तुझसे

   जिंदगी से हरगिज़ न पेश आना बेदिली से

     ज़िंदा हैं, ज़िंदगी है, ख़ुशनुमा अहसास है

      लगाएं गले इसे, हों शुक्रगुज़ार,

      यह ज़िंदगी है,बहुुत ही खास है!

  



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