मैं हिन्दी हूं
मैं हिन्दी हूं
आसानी से हर बात समझती हूं
मन का हर भाव समझती हूं
मैं हिन्दी हूं,
सबके दिल की बात समझाती हूं।
वर्णमाला के 36 अक्षर
है थोड़े कठिन और थोडे आसान
आसानी से लिख देती हूं
दिल की हर बात लिख देती हूं
मात्राओं में दिल उलझ जाता है
दिल की बात
दूसरे को समझ आ जाता है
हूं आसान बहुत
हूं राष्ट्रिय भाषा मैं भारत की
कठिन भाषा सबको लगती है
पर कोशिश करो समझने की
मैं आसानी से घुल मिल जाती हूं
आज हूं विशेष मैं
हर वेद पुराण समझाती हूं
कठिन शब्दों को भी
आसानी से समझाती हूं
हूं विश्वभाषा मैं
भारत की पहचान हूं
सारे विश्व में डंका बजाकर
अपनी अलग ही पहचान हूं
हर भाषा की जननी हूं
है अलग मेरी पहचान है
होता मन आनन्द विभोर मेरा
परदेस में मिलता जब सम्मान मुझे
मैं हिन्दी हूं
भारत मेरा विश्व गुरु है
और मैं भारत की पहचान हूं
मैं हिन्दी हूं , मैं राष्ट्रीय भाषा हूं।