मैं बिहार हूँ ।
मैं बिहार हूँ ।
मैं आर्यभट्ट के खगोलिय आरभ्य का बिहार हूँ।
मैं योग विद्या के जन्मदाता महर्षि पतंजलि का कर्मस्थली बिहार हूँ।
मैं गणतंत्र की प्रथम पाठशाला लिच्छवी गण संघ का बिहार हूँ।
मैं शून्य से शिखर तक के भारतवर्ष के उत्थान का साक्षी रहा बिहार हूँ।
मैं बुद्ध के बोधिसत्व का बिहार हूँ।
मैं महावीर के महात्म्य का बिहार हूँ।
मेरे गर्भ में चाणक्य जैसे विलक्षण कूटनीतिज्ञ शिक्षक पले
जिन्होंने मदांध शासक के अपमान का बदला
उसका राजसत्ता समाप्त कर लिया ,
जिन्होंने एक साधारण बालक को फर्श से अर्श तक पहुँचाकर सिद्ध किया
एक गुरू में ही प्रलय और निर्माण दोनों पलते हैं।
हाँ ! मैं चंद्रगुप्त मौर्य का मुकुट बिहार हूँ।
मैं मगध महान अशोक की यश गाथा का साक्षी बिहार हूँ।
मुझमें ही नालंदा, विक्रमशिला जैसे ज्ञान के अंकुरण केंद्र अस्तित्व में आए ,
जिन्होंने सारे संसार में अपनी ज्ञान का प्रसार कर
दुनिया को 'जीयो और जीने दो' का मार्ग दिखलाया ।
मैं आदिकवि वाल्मीकि का आदिकाव्य रामायण का सृजनस्थली बिहार हूँ।
मैं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूँकने वालों में
अग्रिम पंक्ति में शामिल योद्धा बाबु कुँवर सिंह का बिहार हूँ।
मैं सत्य और अहिंसा के प्रतिमूर्ति बापू का कर्मस्थली हूँ ।
मैं आजाद भारत के अजातशत्रु सह भारतीय गणराज्य के
प्रथम महामहिम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबु का बिहार हूँ ।
कितनों का नाम बताऊँ मैं ?
और भी न जाने कितने अनमोल हस्तियों से भरा - पूरा संसार हूँ ।
हूँ ! मैं बिहार हूँ।