परेश पवार 'शिव'
Drama
सफ़र में चलते चलते,
रास्ते-सा ढल गया हूँ।
बुझा तो नहीं अब तक,
पर मैं जल गया हूँ।
इक अजनबी दिखता है
आईने में मेरी शक़्ल का।
सच ही कहते हैं लोग
शायद मैं बदल गया हूँ।
ज़िन्दा क्यूँ...
बारिश के रंग
बात कितनी गहर...
सलाम
मैं बदल गया ह...
उदासी
आईना
भोली-भाली नटखट, अल्हड़ तू कमाल, तेरी सादी काया की, क्या दूँ मैं मिसाल। भोली-भाली नटखट, अल्हड़ तू कमाल, तेरी सादी काया की, क्या दूँ मैं मिसाल।
मेरा तो मां ही मंदिर, मां ही मेरी पूजा संतान हेतु, मां शब्द फ़लक से ऊंचा मेरा तो मां ही मंदिर, मां ही मेरी पूजा संतान हेतु, मां शब्द फ़लक से ऊंचा
तभी से प्रति वर्ष यह होली का शुभ पर्व है मनाया जाता। तभी से प्रति वर्ष यह होली का शुभ पर्व है मनाया जाता।
जब जब मुझे देखा तुम्हें उसकी बेवफ़ाई ही याद आई। जब जब मुझे देखा तुम्हें उसकी बेवफ़ाई ही याद आई।
वक्त ने सितम ऐसा ढाया। वक्त तेरे देने का आया। वक्त ने सितम ऐसा ढाया। वक्त तेरे देने का आया।
सब मनु पेड़ लगाना दिल से करे, स्वीकार फिर तो स्वर्ग से सुंदर होगा, सारा संसार सब मनु पेड़ लगाना दिल से करे, स्वीकार फिर तो स्वर्ग से सुंदर होगा, सारा संसार
जिन्होंने बात न की कभी जातिवाद की वो कूका था, आदिवासी समुदाय का जी जिन्होंने बात न की कभी जातिवाद की वो कूका था, आदिवासी समुदाय का जी
हंसती हुई जिंदगी का होता है, वध लालच जीते जी ले जाता है, नरक हंसती हुई जिंदगी का होता है, वध लालच जीते जी ले जाता है, नरक
आँखों में लेकर कुछ छिपे अरमान लबों पे लिपटी वो मीठी मुस्कान आँखों में लेकर कुछ छिपे अरमान लबों पे लिपटी वो मीठी मुस्कान
जो सत्य पर चले, लोग उसे पगला कहते लाला सत्य फूलों की नही, झूठे फूलों की पसंद माला जो सत्य पर चले, लोग उसे पगला कहते लाला सत्य फूलों की नही, झूठे फूलों की पसंद ...
दूसरों की मदद करके खुद को समझते हैं भगवान। दूसरों की मदद करके खुद को समझते हैं भगवान।
सत्य रो रहा है, अकेला आज पर उसके आंसू भी देंगे घात सत्य रो रहा है, अकेला आज पर उसके आंसू भी देंगे घात
दुख हो सुख हो सब माता पिता के साथ अच्छे लगते हैं मां... दुख हो सुख हो सब माता पिता के साथ अच्छे लगते हैं मां...
वो न होते, कहाँ से लाते कृतज्ञता, कर्म लौ हुजूर है।। वो न होते, कहाँ से लाते कृतज्ञता, कर्म लौ हुजूर है।।
योजनाओं के रजिस्ट्रेशन हेतु, खड़े हुए है, वीर योजनाओं के रजिस्ट्रेशन हेतु, खड़े हुए है, वीर
मर भी जाऊंगा, तो भी आऊंगा दुबारा हूं में स्वार्थियों बीच,बेबाकी का एक नारा हूं। मर भी जाऊंगा, तो भी आऊंगा दुबारा हूं में स्वार्थियों बीच,बेबाकी का एक नारा हू...
मुलाक़ात हो जाने के बाद भी अनदेखा कर देंगे. मुलाक़ात हो जाने के बाद भी अनदेखा कर देंगे.
तो वह दिल और रूह देकर। सिर्फ़ कोई मांगे निशानी। तो वह दिल और रूह देकर। सिर्फ़ कोई मांगे निशानी।
ना जाने कितने लोगों की जानें गईं हैं इन दो साल में। ना जाने कितने लोगों की जानें गईं हैं इन दो साल में।