मैं और तुम
मैं और तुम
बिखरे हुए खयालों को बांधना चाहता हूं,
रिश्ते को अपने नाम देना चाहता हूं।
ज़माने की बुरी नज़रों से बचाना चाहता हूं,
अपने प्यार को पहचान देना चाहता हूं।
अपनी चाहत तुम्हारी इच्छाओं को आकार देना चाहता हूं,
सपनों का अपने आशियाना बनाना चाहता हूं।
सुगंध और सुमन की तरह एकाकार होना चाहता हूं,
मैं सिर्फ तुम्हारा हूं यह बताना चाहता हूं।