STORYMIRROR

Abhishek Kumar

Romance Tragedy

3  

Abhishek Kumar

Romance Tragedy

मैं आज भी वही हूँ

मैं आज भी वही हूँ

1 min
352

मैं आज भी वही हूँ,

कुछ आवारा सा,

कुछ तुम्हारा सा।

ज़िल्लतों को झेलता,

कुछ टूटा हुआ,

कुछ बेचारा सा।

लड़ता हूं यादों से तेरी,

कुछ आँसू लिए,

कुछ हारा सा।

अनजानी तलाश में 

भटकता हुआ,

कुछ तड़पाया हुआ,

कुछ बेसहारा सा।

फिर भी जो पूछते हो 

तो बस इतना जानो,

मैं आज भी वही हूँ,

कुछ आवारा सा,

कुछ तुम्हारा सा।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance