मातृ भाषा
मातृ भाषा
देने को सम्मान हम,
हिन्दी दिवस मनाते हैं।
पर यथार्थ में,
क्या हम हिन्दी भाषा अपनाते हैं?
है हमारी मातृ भाषा,
पर देते हम पूरा सम्मान नहीं,
अंग्रेज तो देश छोड़ गये,
पर अंग्रेजियत गयी नहीं।।
विदेशी भाषा ने ऐसा,
मोह पाश में बाँध लिया।
भूले हम अपनी संस्कृति को,
की मातृभाषा से ही मुंह मोड़ लिया।।
हैलो, हाय करके इतने एडवांस बन गये,
कि प्रणाम करना ही भूल गये।
भूल गये की मातृभाषा से ही,
स्वामी विवेकानंद दुनिया पर छा गये।।
आओ उतार फेंके इस चोले को,
जो भाषा, संस्कृति से दूर करें।
हिन्दी, हिंदुस्तानी हैं हम,
हिन्दी भाषा को स्वीकार करें।।
