मासूम
मासूम
एक लड़की मासूम सी
थोड़ा हंसती-थोड़ा मुस्कराती
निकलती है घर से अपने
साकार करने अपने सपनों को
जो देखे है उसने खुली आंखों से
जो संजोये है उसके माता-पिता ने
एक लड़की मासूम सी
थोड़ा घबराई, थोड़ी हिम्मत से
निकलती है घर से अपने
उसे मिला साथ अपनो का
मेहनत उसकी, प्यार अपनो का
और पा लिया उसने
अपने सपनों का आकाश
जहां उड़ेगी वो खुले मन से
बिना डर, बिना घबराहट के
एक लड़की मासूम सी
थोड़ा हंसती-थोड़ा मुस्कराती
निकलती है घर से अपने