मानव निर्माण से राष्ट्र निर्माण
मानव निर्माण से राष्ट्र निर्माण
व्यक्ति के निर्माण से , होता राष्ट्र निर्माण
जानत है हर इंसान , नहीं कोई अंजान।
देवभूमि भारत में,सबसे अलग विधान
पैदा होते ही बालक का शुरु होता निर्माण।
मातृदूध सेवन करता , शरीर बनता हृष्ट व पुष्ट
माँ-पापा की पाठशाला , संस्कार देती भरपूर।
संस्कारी की शिक्षा दीक्षा रहती सदा अभिन्न
अच्छा इंसान बनने की प्रयास रहते अनंत।
अच्छा इंसान बनने से होता राष्ट्र महान
उसके चारित्रिक गुण करें राष्ट्र निर्माण।
संस्कारी भारतभूमि हमारी है विश्व विख्यात
नारी में अभी भी सीता है पुरुष में श्री राम।
सत्कर्म, सत्वचन,सद्व्यवहार हमारा
बनाता हमारे राष्ट्र को सबसे न्यारा ।
सकारात्मक सोच बनाती है उत्कृष्ट इंसान
इन्ही सदव्यक्तित्वों से बनता मेरा देश महान।
जैसे होंगें नागरिक वैसा होगा देश
उन्हीं के वजूद से उन्नत हर प्रदेश।
