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V. Aaradhyaa

Classics

4.5  

V. Aaradhyaa

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मानव जन्म दुर्लभ

मानव जन्म दुर्लभ

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ज़ब जन्म मानव का पाया है

तो मानव बनकर रहना है। 

कर्म अपना हमे करना है

धर्म भी अपना करना है। 


हमें क्या लेना देना है

जमाने के लोगों से भला। 

मेरा धर्म कर्म ही अब

मेरी मुक्ति का आधार होगा।। 


बहुत आते है दुनिया में

बहुत जाते है दुनिया से। 

किया जाता है उनको याद

जिन्होने किये थे अच्छे काम। 


इसलिए तो गुरु ईश्वर को

जन्म पृथ्वी पर लेना पड़ा। 

और अपने कामों के कारण

संसार में पूज्यनीय बन पाये।। 


बिना मानव जन्म के कोई

संसार में पूजा नहीं जाता। 

इसलिए तो भगवान को भी

मानव अवतार लेना पड़ा था। 


और अपने भक्तो की फरयादे

उन्हें रोज सुनने को मिली। 

समाधान उनका करके ही वो

राम कृष्ण और हनुमान कहलाये।


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