मां
मां
प्यार ये तेरा कैसा है ?
मां मैं आज भी तेरी छोटी बच्ची
ना जाने कब पैरों के सहारे चलनेे लगी
आप की उंगली पकड़ के चलने लगी
पर ये ना समझना कि बड़ी हो गई
तेरी ममता की छांव में बड़ी हुुई
घुटनों से रेेेेंगते- रेेंगते गिरते भहरते
ना जाने कब पैरों पर खड़ी हुई
आज भी सब कुछ वैैसा है
सीधी - साधी भोली भाली सी
आज भी सब वैसा है
मैं आज भी तेरी छोटी बच्ची हूँ
कभी गिरती हूँ कभी उठती हूँ
पर अकेले नहीं आज भी तेरा साथ है
मेरे सर पर तेरे आंचल का छांव है ।
