मां
मां


नौ महीने गर्भ में रखकर , खुश होकर बच्चे की लात खाती मां
असीम पीड़ा सहकर बच्चे को जन्म देती मां
रातों को जागकर पालती मां
अपना दूध पिलाकर पोषण करती मां
उंगली पकड़कर चलना सिखाती मां
तोतली भाषा जो किसी की समझ में ना आए, उसे समझती मां
चोटों को एक फूंक से ठीक करती मां
बच्चों को पढ़ाती मां
राजा रानी के किस्से सुनाती मां
कभी प्यार से, कभी डांट कर खाना खिलाती मां
बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाती मां
क्या
गलत है, क्या सही है, ये समझाती मां
बच्चों के संग खेलती, बच्चों की दोस्त मां
बढ़ते हुए बच्चों को दुनिया से रूबरू कराती मां
बच्चों की हर परेशानी सुलझाती मां
बच्चों की फरमाइशें पापा तक पहुंचाती मां
पापा के आगे बच्चों की ढाल बनती मां
हॉस्टल में जा कर खूब याद आती मां
बच्चों के नए जीवन का अध्याय खोलती मां
बच्चों के बच्चों संग फिर से बच्चा बनती मां
दुनिया की सबसे सुंदर औरत मां
शत शत तुम्हें मेरा नमन मां।