माँ :
माँ :
एक अदृश्य शक्ति मेरे पास है,
एक अनोखा बल मेरे पास है,
एक आत्मविश्वास है कि,
कोई हरदम मेरे साथ है,
एक दोस्त है जो ह्रदय पढ़ लेता है,
एक साहस है जो मेरे लिए दुनिया से
लड़ लेता है,
कितना सहनशील है उसका ह्रदय,
जो हर ग़म सह लेता है,
माँ से बड़ा न कोई गुरु, ना देवता है।
पास हमारे एक गोद है सोने के लिए,
एक आँचल है जी भर के रोने के लिए,
हाथों से मिलता है जिनका आशीष ,
चरणों में समर्पित हो जाओ
मिल ही जाता है शीष,
'माँ ' उच्चारित तो करो ह्रदय से,
प्रभु के जप सा संतोष मिलेगा,
ज़रा सी कामियाबी हासिल कर लो,
उसकी आँखों में गर्व दिखेगा ।
सबसे भोला मन है उसका,
सागर की भांति उसकी ममता,
भर भर के लूट लो,
फिर भी उसके पास भण्डार रहेगा,
औलाद कितनी ही दूर हो ,
माँ के मन में सदा उसके लिए प्यार रहेगा।