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Mahendra Kumar Pradhan

Inspirational

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Mahendra Kumar Pradhan

Inspirational

माँ

माँ

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माँ ....

ग्रीष्म में चंदन की

एक सुखद अनुभूति है।

ईश्वर के सृष्टि का

विरल, दिव्य विभूति है।


दूर दूर तक चारों ओर

जहां तक नज़रें घुमती नहीं,

उस दिगंत से भी

माँ .. विस्तृत दिगंत है।


बादलों के उस पार

नज़रें जहां तक पहुँचती नहीं

उस अनंत आसमाँ से भी

मां... असीम अनंत है ।


धरती से भी भारी है माँ ,

सागर से भी गहरी है माँ ,

जिसकी चरणों में स्वर्गधाम है,

उस माँ को नित प्रणाम है।



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