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Ms Nirupma

Inspirational Others

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Ms Nirupma

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मां

मां

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मां जीवन है, मां पावन है

मां है बरखा, मां सावन है

मां का आंचल छाँव सा है।


मां क अश्रु ईश्वर के पान्व सा है,

मां के चरणों को नमन्, इबादत है खुदा की,

मां का हर वचन जुबान है बेजुबान की।


मां बच्चोन का खिलोना है,

मां मन्दिर का इक कोना है,

स्व शबद से दूर है,

सर्वस्व से भरपूर है।


मां देवी है, मा काली है,

मां बच्चोन की रख्ववाली है,

मां सिर्फ देना है जानती,

बद्ले मे कुछ नही मांगती।


कई रातेन जाग सुलाती है,

मां हर मुश्किल अपनाती है,

मां धार है उस गंगा की,

शोभा जिसकी दिया- बाती है।


है नमन मेरा इस धरती को,

जहां मां पूजी जाती है,

मां धार है उस गङा की,

शोभा जिसकी दिया बाती है।


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