माँ
माँ
मुझे आज भी स्मरण है माँ
जब मैं चल भी नहीं पा रहा था
तेरी गोद में मैं था माँ
तुमने चूमकर मेरे माथे को
एक पल में मेरे दुःख को
तुमने दूर किया था।
मुझे आज भी स्मरण है माँ
जब मैं होता था निराश और परेशान
तू बुलाती थी अपने पास
और चूम कर मुझे कहती थी
बेटे मत हो उदास तू तो
मेरा सबसे अच्छा बेटा है
तू कभी मत होना निराश।
मुझे आज भी स्मरण है माँ
जब पापा डांटते थे
किसी बात पर मुझे
मैं सिसक सिसककर
रोता था तो तू
उस वक्त मुझे बुलाती थी
और आँचल में छिपा
चूम लेती थी मेरे माथे को और
मैं भूल जाता था पापा की डांट
हाँ फिर से हँसने और
खेलने लगता था मैं।
मुझे आज भी स्मरण है माँ
जब मैं तेरे पास गाँव में था तो तू
कितना चाहती थी मुझे
बेशक आज शहर में हूँ
पर माँ सच बताऊं मैं ख़ुश नहीं हूँ
आज भी महसूस करना चाहता हूँ
प्रेम और पाना चाहता हूं दुलार
और चाहता हूँ कि तू
चूम ले मेरे माथे को एक बार फिर।