मां
मां
मां मेरी थी प्यारी प्यारी,
सारे जग से थी न्यारी न्यारी,
प्यार करती थी बेहद ही मुझसे,
नाज़ करती थी बेहद ही मुझपे।
मुझको था चलना सिखाया,
बोलना भी उसने सिखाया,
गोद में मुझको सदा बिठाया,
नज़रों में अपनी सदा बसाया।
लिखना पढ़ना मुझे सिखाया,
जीवन में आगे बढ़ना सिखाया,
ठोकर लगने पर संभलना सिखाया,
मुसीबतों से डट कर लड़ना सिखाया।
अपनों से निभाना सिखाया,
रिश्तों को बचाना सिखाया,
गमों को दिल में छुपाना सिखाया,
हर हाल में मुस्कुरा कर जीना उसने सिखाया।
औरों के लिए जीना सिखाया,
अपने अरमानों को मिटाना सिखाया,
अपनों के लिए त्याग करना सिखाया,
जीवन को धन्य बनाना भी उसीने सिखाया ।