माँ
माँ


माँ इस दुनिया में जीता जागता भगवान होती है,
माँ तो बस माँ होती है।
हर डगर पर हमारे साथ होती है,
धूप में छाँव होती है, बारिश में छतरी होती है,
माँ तो बस माँ होती है।
इस कठोर दुनिया में प्यार की बौछार होती है,
जीवन की हर ठोकर से बचाने वाली ईश्वर का वरदान होती है,
रेगिस्तान में फूलों का बिछौना होती है,
तन्हाईयों में भी उस की गोद आबाद होती है,
माँ तो बस माँ होती है।
हर दर्द की दवा होती है,
उस के ऑंचल में ही सकूँन की साँस होती है,
हर तूफान से टकराने की हिम्मत होती है,
लाखों मील दूर से भी उस की दुआ कबूल होती है,
माँ तो बस माँ होती है।ख
इस जग की सर्वश्रेष्ठ सखी होती है,
कभी पाषाण सी कठोर होती है,
कभी फूल की पंखुड्डी सी कोमल होती है,
वो ही तो हमारा दर्पण होती है,
माँ तो बस माँ होती है।
अपना सब अर्पण करती है इसलिए हमारी जान होती है,
उसकी सहनशक्ति ही हमारी पूर्ण शक्ति होती है,
उस के रोम रोम में हमारे लिए प्रार्थना होती है,
इसलिए वो ही हमारी सफलता की सीढ़ी होती है,
माँ तो बस माँ होती है।